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रिश्तेदारी, हिस्सेदारी या फिर बेच दी अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी



फिर सक्रिय हुए रज्जन बिपिन जोरो पर गोहपारू में अवैध प्लाटिंग 

भूमाफियाओं द्वारा बड़े पैमाने पर की जा रही अवैध प्लाटिंग को मद्देनजर रखते हुए तत्कालीन कमिश्नर बी एस जामोद ने संवेदनशीलता दिखाते हुए भूमि विक्रय के पहले अनुमति लेना अनिवार्य किया था, जिस पर भूमाफियाओं द्वारा विभिन्न माध्यमों से स्थानीय लोगों को आगे कर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा था और अंततः सफलता मिली और अनुमति का सिलसिला थमा और फिर एक बार मुख्यालय के साथ-साथ गोहपारू जयसिंहनगर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग का सिलसिला बहुचर्चित माफिया बंद होने शुरू किया... और अब अवैध प्लाटिंग को वेद कॉलोनी बढ़कर जोरों पर शहडोल रीवा स्टेट हाईवे पर कथित भूमाफिया बंधुओं द्वारा भोले भाले मध्यमवर्गीय परिवारों को जमीन बेचकर ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। 



शहडोल। मुख्यालय तो बरसों से अवैध प्लाटिंग की चपेट में है लेकिन राजस्व अधिकारी जयसिंहनगर अनुभाग की मेहरबानियां से अब गोहपारु भी अवैध प्लाटिंग के मामले में अव्वल होता नजर आ रहा है, तो वहीं अवैध प्लाटिंग के मामले में शहडोल उप पंजीयन कार्यालय जहां से रजिस्ट्री कराई जाती है कि अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है बताया यह जाता है कि एक ही खसरे में कई रजिस्ट्री कराने की एवज में कार्यालय में सिस्टम फिट है जिसका फायदा अवैध प्लाटिंग को अंजाम दे रहे भू- माफिया पुरजोर उठा रहे हैं।


जोरो पर अवैध प्लाटिंग

पूर्व में हमारी टीम द्वारा गोहपारू  में अवैध प्लाटिंग को लेकर मुहिम चलाई गई थी मुहिम का असर हुआ अनुभाग के अधिकारियों के कान में जूं रेंगी और कई अवैध प्लाटिंग मामले में भू स्वामियों को नोटिस जारी की गई कुछ पर पाबंदी लगाई गई साथ ही  खरीदी विक्रय पर पाबंदी कई महीनो तक लगी रही बाद इसके जुगाड़ का सिलसिला शुरू हुआ और अब गोहपारू शुक्ला ढाबा के आसपास और इधर दूसरी ओर गोहपारू तहसील कार्यालय के पहले बड़े पैमाने पर भू माफियाओं द्वारा अवैध प्लाटिंग को अंजाम दिया जा रहा है और वैध कॉलोनी बताकर आम जनता को मूर्ख बनाने का काम कथित भूमाफिया कर रहे हैं। 

एक दर्जन से अधिक अवैध प्लाटिंग

आलम यह है की जयसिंह नगर अनुभाग अंतर्गत गोहपारू में एक दर्जन से अधिक अवैध प्लाटिंग या यू कहा जाए कि अवैध कालोनियां स्थानीय नामचीन भूमाफियाओं द्वारा की जा रही है... इन भूमाफियाओं में रज्जन, विपिन, बबुआ,अभय, शिवेंद्र जैसे कई नाम चर्चा में है जिन्होंने अवैध प्लाटिंग के बलबूते फर्श से आज तक का सफर तय कर लिया है, जिनकी संपत्ति जांच से कई बड़े खुलासे हो सकते हैं, आलम यह है कि अवैध कॉलोनी के साथ-साथ अब स्थानीय राजस्व महकमा  के साथ सेटिंग बनाकर गरीब आदिवासियों की जमीन को हड़पने पर भू माफिया उतारू है। 

राजस्व विभाग की भूमिका संदिग्ध

बताया जाता है की तहसील कार्यालय गोहपारू में अरसे से पदस्थ  पटवारी उल्लिखित भू माफियाओं को संरक्षण दे रहे हैं उन्हीं के इशारों पर जमीन की नाप कराई जाती है एवं रजिस्ट्री में हेर फेर भी की जाती है इसके अलावा आरआई पटवारी ही स्थानीय किसानों को कथित भूमाफियाओं तक पहुंचाने पर महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं साथ ही एग्रीमेंट के आधार पर बड़े पैमाने पर जमीन की बिक्री अवैध प्लाटिंग का मास्टर प्लान भी भूमाफियाओं को  राजस्व अधिकारियों द्वारा ही दिखाया जाता है ताकि यदि अवैध प्लाटिंग की चपेट में किसी प्रकार की कार्यवाही की जाए तो भूस्वामी उसे कार्यवाही का शिकार हो ना की भू माफिया। 

सफेदपोश भू माफियाओं का जाल

पार्षद पति हो या खुद को माना जाना सरकारी ठेकेदार बताने वाला करोड़पति या फिर बात की जाए युवा नेता अथवा कथित पशु तस्कर जिसपर दंगा भड़काने सहित कई मामले पंजीबद्ध हों... गोहपारू तहसील अंतर्गत सब के सब एक ही नाव पर सवार है और वह नाव है अवैध प्लाटिंग जिसके खेवईया बने हैं राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी गोपारु पहुंचने से पहले तहसील के आसपास तो गोहपारू पार करने के बाद जयसिंहनगर रोड में शुक्ला ढाबा के आसपास इन भूमाफियाओं ने अपना डेरा जमा रखा है और बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग को अंजाम दे रहे हैं। 

अवैध प्लाटिंग पर सजा का है प्रावधान 

नियम अनुसार अवैध प्लाटिंग मामले में अवैध कॉलोनाइजर की श्रेणी में रखते हुए अपराध पंजीबद्ध करने का प्रावधान है राजस्व अधिकारी अथवा जिला कलेक्टर जांच उपरांत संबंधित थाने को एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्राचार कर सकते हैं। सजा के प्रावधान के बाद भी भू माफियाओं के हौसले इसलिए बुलंद है क्योंकि वह माफिया अपने गुर्गे अथवा वास्तविक भू स्वामी किसान को सामने रखकर अवैध प्लाटिंग के इस  कारोबार को अंजाम देते हैं, बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग करते हुए सफेद पोस माफियाओं ने करोड़ों की संपत्ति अर्जित किये है।

इनका कहना है 

जानकारी आपके माध्यम से संज्ञान में आई है, बताए गए बिंदुओं और नामों के आधार पर टीम भेज कर जांच कराई जाएगी।

दीपक मंडावी 

तहसीलदार, गोहपारू


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