रविवार की तड़के अनूपपुर पुलिस ने फिर अवैध कबाड़ कारोबार पर एक तगड़ा प्रहार किया जिसमें नेशनल हाईवे से मुखबिर की सूचना पर कबाड़ लदे वाहन को जप्त किया, ड्राइवर ने अपने बयान में बताया कि बेसकीमती लोहा मशीनरी,कलपुर्जे, एंगल रॉड आदि बिजुरी में शंकर कबाड़ी के यहां से लोड होकर अनूपपुर जानू के यहां पहुंचाया जा रहा था और गाड़ी भी जानू की होना बताया, गौरतलब है कि शंकर पर चोरी के दर्जनों मुकदमे और हाल ही में शंकर के बेटे आशीष पर भी लगभग सप्ताह भर पूर्व रामनगर पुलिस ने कोयला खदान से कबाड़ के नाम पर चोरी करने का मुकदमा दर्ज किया था। कोतमा पुलिस ने इस मामले में बीएनएस की धारा 106 के तहत माल जप्त कर अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रकरण न्यायालय भेज दिया है लेकिन पुलिसिया कार्यवाही पर अब गली कूचों में चर्चा के दौरान कई सवाल खड़े हो रहे हैं तो वहीं इस छोटे साहब के मैनेजमेंट का नाम भी दिया जा रहा है।
शहडोल/अनूपपुर। पुरानी कहावत है की दुआ तभी उठता है जब आग लगती है ऐसे में अनूपपुर में कोई भी आपराधिक गतिविधियों या अवैध कारोबार संचालित होने पर इसका सीधा संपर्क कथित छोटे साहब से बताया जाना कई सवालों का जन्म देता है.. हम किसी पर आरोप नहीं लग रहे हैं लेकिन जन चर्चा अपने आप में कई आरोपों को जन्म दे रही है फिर चाहे अनूपपुर में एक माह के लिए शुरू हुए अवैध कोयला कारोबार की बात की जाए या बात की जाए गली गली बिक रही अवैध शराब की हर मामले में चर्चे में नाम सिर्फ साहब का ही आखिर क्यों.. ऐसा ही कुछ जनचर्चा रविवार की सुबह भी निकल कर आई की कोतमा पुलिस वाहन जप्त कर गंभीर कार्यवाही करने का मन बना चुकी थी तभी साहब के दखल से कथित पुलिस कर्मियों को ना सिर्फ फटकार का सामना करना पड़ा अपितु पूरा माल पलटी किए बगैर माल को संदिग्ध ठहरा कर गेंद अपने पाले से न्यायालय के हवाले करना ही पुलिस ने वाकिफ समझा, नाम ना बताने की शर्त पर लोगों ने बताया कि पुलिस ने गाड़ी खुलवाने और माल पलटी करने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली और अंततः तिरपाल उतार कर ऊपर का माल हटाकर पुलिस को कोरम पूर्ति करनी पड़ी।
कार्यवाही पर उठ रहे सवाल
कोतमा पुलिस ने सूचना पर तत्परता दिखाते हुए वाहन को जप्त कर कार्यवाही की हुंकार भरी इस दौरान मौके पर ही मैनेजमेंट के फोन घनघनाने लगे ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी ने कथित ड्राइवर को फटकार भी लगाना बताया गया, लेकिन गाड़ी जप्त होने के बाद अब रविवार की शाम जारी प्रेस नोट में सिर्फ जपती तक कार्यवाही सीमित रहने को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं, सूत्रों की माने तो पुलिस द्वारा जप्त वाहन पर कोल माइंस से चोरी हुए मशीनरी और कल पुर्जों को लेकर मुकदमा दर्ज कर रही थी लेकिन जैसे ही मामले में कबाड़ माफिया जानू का नाम सामने आया तो मामले में दबाव और जुगाड़ का सिलसिला जारी हुआ अधिकारी सक्रिय हुए और शाम तक अंततः मामला जपती तक निपटा दिया गया इस बीच जन चर्चाओं में यह बात भी निकल कर सामने आई कि पुलिस ने पूरी गाड़ी की तफ्तीश नहीं की गाड़ी में हैवी मशीनरी और कलपुर्जे लोड थे, तो वही मामले में एक दलील और सामने आई की माल पुरानी कार्यवाही के दौरान जपती का है जिसकी सुपुर्दगी कोर्ट से मिली है और अगर ऐसा था तो रात के अंधेरे में ऐसी क्या आफत आन पड़ी की एक नंबर अर्थात माननीय न्यायालय से सुपुर्दगी मिले माल को तिरपाल से ढककर चोरी छिपे ले जाने की नौबत आई।
क्या जिले में हावी जानू का रसूख
ऐसी ही कुछ कार्यवाही बीते दिनों रामनगर पुलिस द्वारा की गई थी जब पिकअप वाहन में कबाड़ जप्त किया गया था तो कबाड़ की तफ्तीश करने पर यह बात सामने आई थी कि कबाड़ कोल माइंस से चोरी किया गया है जिसकी पुष्टि के बाद ड्राइवर के बयान के आधार पर उल्लिखित शंकर कबाड़ी जिसके यहां से रविवार को माल लोड होना बताया गया के बेटे आशीष कुशवाहा पर मुकदमा दर्ज हुआ था, लेकिन जब बात इस मामले की की जाए तो इस मामले में जानू का नाम आने के बाद मामले में जांच प्रणाली ही परिवर्तित कर दी गई जिसे जानू के रसूख का जलजला बताया जा रहा है गौरतलब है कि हाल ही में जानू के गोदाम का वीडियो जहां गैस कटिंग मशीन सहित तमाम उपकरण और भारी तादाद पर समान मशीनरी कलपुर्जे मौजूद थे का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था जिसके बाद भी पुलिस के कान में जूं नहीं रेंगी। जन चर्चा तो यह भी है कि जानू के मुख्यालय के एक साहब के साथ साइलेंट पार्टनरशिप है जिसका नतीजा है की जानू को थाना कोर्ट कचहरी से दूर रखा जाता है वह तो प्रभार लेने के बाद कप्तान की वक्र दृष्टि उस पर पड़ी और ऐसे ही मामलों में संज्ञान लेकर समुचित जांच कर कर जानू पर मुकदमा दर्ज किया गया था।
कागज में खेल खेलता है सन्नी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कथित कबाड़ माफिया का सहयोगी सनी भाई जो कागजों में दो नंबर के माल को एक नंबर दिखाता है, का कार्य सिर्फ इतना होता है कि नीलामी में खरीदे गए कबाड़ के दस्तावेजों को वह सुरक्षित रखें एवं न्यायालय से मिली सुपुर्दगी के कागजात को भी सुरक्षित रखें और जरूर के अनुसार थाना में प्रस्तुत करें आसान शब्दों में इसे ऐसे उदाहरण से समझा जा सकता है कि आज जप्त हुई गाड़ी में यदि कोई बाइंडिंग मशीन या मोटर मिलती तो कथित कबाड़ माफिया के भाई द्वारा दस्तावेज में यह दिखाया जाता की 6 माह पूर्व नीलामी में उन्होंने यह मशीन किसी खदान से खरीदी थी और नीलामी के दस्तावेज प्रस्तुत किए जाते, या फिर यह बताया जाता की छह माह से या समान उनके गोदाम अथवा उनके सहयोगी गोदाम में रखा हुआ था जो नीलामी में एक नंबर में खरीदा गया था, ऐसे फर्जी कागजों का इस्तेमाल कर कथित माफिया बंधु आसानी से बच जाते हैं जिसका एक प्रमुख कारण यह भी है कि कोल माइंस प्रबंधन की उदासीनता से कई चोरी के प्रकरण सिर्फ शिकायतों और आवक जावक पंजी तक ही सीमित रह जाती है। इसी प्रकार से माननीय न्यायालय से जब किसी प्रकार की माल की सुपुर्दगी अथवा क्लीनचिट कथित कारोबारी में से किसी एक को मिलती है तो उसे दस्तावेज का उपयोग भी कई दफा पुलिस को चकमा देने के लिए किया जाता है और यह पूरा खेल आधुनिक युग के कबाड़ माफिया सनी द्वारा टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर खेला जाता है।
मैनेजमेंट की चर्चा आम
बताया जाता है कि तथा तथाकथित कबाड़ माफिया द्वारा कई वर्षों से अनूपपुर में एकाधिकार जमाते हुए थाना बार, विभागवार,अधिकारीवार अपना मैनेजमेंट का जाल फैलाया हुआ है तो वहीं वर्तमान में उसके रहनुमा बन चुके साहब की कथित माफिया से संबंध इसलिए भी गहरे हो गए क्योंकि जब पुलिस कप्तान की वक्र दृष्टि कथित माफिया पर पड़ी तो उसे पूरे प्रकरण से बचने का रास्ता कथित रहनुमा साहब ने ही दिखाया। और रविवार के प्रकरण में भी कानून के अच्छे जानकार कथित साहब ने ही कागजातों के सही इस्तेमाल का आईडिया कथित कबाड़ माफिया को पेश किया और अंततः विवश पुलिस को जब्ती का प्रकरण बनाकर कार्यवाही पूर्ण करने पड़ी।
77 चोर और दो दर्जन दुकानें
वैसे तो बड़े शहरों पर कबाड़ का कारोबार वैध है लेकिन शहडोल संभाग में इस अवैध की श्रेणी में इसलिए रखा जाता है क्योंकि यहां कबाड़ के नाम पर चोरी का माल खपाने या आसान शब्दों में कहें तो चोरी करा कर बेस कीमती लोहा,तांबा, पीतल को कबाड़ के नाम पर खपाने का कार्य बदस्तूर कई सालों से चला रहा है, तफ्तीश और सूत्रों की माने तो कथित कबाड़ माफिया ने महज 32 चोरों को मासिक तनख्वाह देकर सिर्फ कोयलांचल के हसदेव और जमुना क्षेत्र में बंद पड़ी खदानों से चोरी करने के लिए छोड़ रखा है, इसके अलावा पुष्पराजगढ़ में क्रेशर से चोरी करने के लिए नौ लोगों की टुकड़ी सक्रिय रहती है तो साथ ही ठेकेदार, ठेका साइड ,पावर प्लांट एवं अन्य स्थानों में कुल मिलाकर 77 नाम कथित माफिया की डायरी में दर्ज है जिनके माध्यम से बेस कीमती मशीनों को कबाड़ खपाने का सिलसिला कई वर्षों से जारी है इसके अलावा तीन से चार बड़े ठीहे शंकर जैसे बिजुरी रामनगर, डोला कोतमा में तीन ठीहे इसी प्रकार अनूपपुर जिले में कुल लगभग दो दर्जन ठीहे संचालित किए जा रहे हैं।
इनका कहना है
मामला मेरे संज्ञान में है, जप्त माल के संबंध में शंकर कबाड़ी ने बिल पेश करना और गाड़ी की सुपुर्दगी है जो माननीय न्यायालय से होना बताया जा रहा है, अगर बयान दिया गया है कि माल चोरी का है तो मैं थाना प्रभारी से बात करता हूं।
आईपीएस मोती उर रहमान
पुलिस अधीक्षक, अनूपपुर
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