Ticker

6/recent/ticker-posts

अनूपपुर में खप रहा संभाग भर का चोरी का माल... अफसर की साइलेंट पार्टनरशिप की चर्चा -ए -आम

 


कबाड़ के नाम पर जिले में खप रहा चोरी का माल, गुर्गों पर गिर रही गाज, सरगना हो रहे मालामाल..!


पुलिस को मालूम है तरीका और ठिकाना, फिर भी कार्यवाही में छूट रहा पसीना 


जनप्रतिनिधियों को बदनाम कर रहे माफिया, अधिकारियों पर दबाव बनाने का भरते हैं दम्भ


कौन है सन्नी जो अवैध को कागजों में करता है वैध...जानू पर किसकी सहपरस्ती 


अनूपपुर पुलिस कप्तान की कार्यप्रणाली का भय अनूपपुर के अपराधियों और अवैध कारोबारियों को है, कप्तान के नेतृत्व में कई कार्यवाही भी हुई लेकिन मानो कबाड़ के सरगना तक अनूपपुर पुलिस के लंबे हाथ नहीं पहुंच पाए और फिर शुरू हुआ कबाड़ माफिया जानू का अनूपपुर की गलियों में दंभ भरने का सिलसिला और ग्रैंड एंट्री हुई कबाड़ के कारोबार में शनि की.. कई वर्षों से पर्दे के पीछे से शनि अवैध कबाड़ कारोबार को संभाल रहा था लेकिन नवागत कप्तान के प्रभार लेने के बाद जब बात कार्यवाही पर आई तो सनी ने फ्रंट फुट पर बैटिंग शुरू की और अब सन्नी बन चुका है अनूपपुर का आका ओर जानू ने संभागीय स्तर पर शुरु की बल्लेबाजी, इस बीच चर्चा यह निकलकर सामने आ रही है कि अब कानून के लंबे हाथ मुख्य आरोपी कथित सरगना अथवा गुर्गों के आका तक क्यों नहीं पहुंच पा रहे हैं,जबकि हालही में रामनगर में गुर्गे पर मुकदमा दर्ज हुआ जबकि सनी और सहयोगी कार्यवाही से अछूते रहे। 





शहडोल/अनूपपुर। अनूपपुर जिले में अपराधियों और माफिया के हौसले अब बुलंद होते नजर आ रहे हैं, हालाकि कप्तान की इमानदारी पर शंका महज मूर्खता ही है क्योंकि अनूपपुर की गलियों में साहब की ईमानदारी के किस्से गुलजार है, जहां नवागत कप्तान के प्रभार लेने के बाद से अपराधियों के मन में डर बैठ चुका था वही आप माफिया जनप्रतिनिधियों से सेटिंग की दंभ भरते हुए दबी जुबान से अप्रत्यक्ष रूप से मानो अधिकारियों को चुनौती दे रहे हैं कि यह हमारा ठिकाना हमारा क्या बिगाड़ लेगा जमाना, इसमें गलती महज जिम्मेदार अधिकारियों की नहीं अपितु उन जनप्रतिनिधियों की भी है जो अपराधियों को संरक्षण देने फोन घनघनाने से गुरेज नहीं करते, अब सवाल यह उठता है कि यदि अवैध कबाड़ का कारोबार अनूपपुर पूरे जिले में गुलजार है तो उसे संरक्षण दे कौन रहा है ऐसा नहीं है कि पुलिस ने कार्यवाही की जहमत नहीं उठाई पर कार्यवाही एक लंबे समय से गुर्गो तक सीमित रह जाती है या तो सरगना पर होने वाली कार्यवाही ठंडे बस्ते के हवाले कर दी जाती है। 

कबाड़ के आड़ में अवैध कारोबार 

अनूपपुर जिला कोल संपदा के मामले में धनी है कई खदानें यहां कोल खनन के लिए खुली और कोल समाप्त होने के बाद बंद हो गई बंद पड़ी इन खदानों से बड़े पैमाने पर माफिया हेवी मशीन की कलपुर्जे, उपकरण मशीनरी और गाटर आदि की चोरी करवाते हैं और फिर यही चोरी का सामान कबाड़ की आड़ में जबलपुर खपाया जाता है, इसके अलावा चोरी की मोटरसाइकिल चार पहिया वाहन,दो पहिया वाहन,हैंडपंप, समर्शियल,चालू विद्युत लाइन की तांबे और पीतल की तारे आदि भी कथित कबाड़ माफियाओं की प्रमुख निशाना होती हैं।




पुलिस ने शुरू की थी मुहीम 

नवागत पुलिस कप्तान मोतिउर रहमान ने प्रभार लेने के बाद कबाड़ के आड़ में चल रहे चोरी के इस कारोबार पर कार्यवाहियां शुरू करवाई तो मानो चोरी और अवैध कबाड़ का कारोबार लगभग थम सा गया और सरगनाओ के हाथ पैर ठंडे पड़ गए लेकिन न जाने समय के साथ ऐसी क्या बात हुई की कारोबार पुनः अनूपपुर जिले में दुगनी रफ़्तार के साथ उसी ठिकाने से शुरू हुआ जहां पुलिस ने दबिश दी थी कप्तान का सख्त रवैया ऐसा था कि सरगना पर भी मुकदमा दर्ज हुआ था लेकिन सरगना को निस्तेनाबूत करने और अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने की प्रक्रिया बीच में ही रोक दी गई, कुछ लोग इसे हाईलेवल का मैनेजमेंट बताते हैं तो कुछ लोग इसे अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव, अब हकीकत क्या है इसकी पुष्टि हम नहीं करते लेकिन गुलजार कारोबार कई सवालों को जन्म दे रहा है।

दोगुनी रफ्तार के साथ अवैध कारोबार 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिसिया कार्यवाही और कप्तान का डर समाप्त होने के बाद कथित सरगना जानू ने कई गुना बड़े पैमाने पर कारोबार प्रारंभ किया इस बीच रामनगर थाने की कमान जब कप्तान ने थाना प्रभारी सुमित कौशिक को सौंपी तो थाना प्रभारी ने अवैध कबाड़ कारोबार कर रहे गर्ज आशीष को गिरफ्तार कर चोरी का माल बरामद किया, फिर मामले में एक बार कथित सरगना का नाम सामने आया लेकिन कानून के लंबे हाथ उस तक नहीं पहुंच पाए। और अब आलम यह है की सरगना को कैमरे और प्रशासन का बिल्कुल भाई नहीं है सूत्र बताते हैं कि प्रतिदिन 60 से 120 टन माल रायपुर और जबलपुर अलग-अलग रास्तों से भेजा जा रहा है तो वही अनूपपुर जिले में नए माफिया सनी का उदय हुआ है। 




कोयलांचल में फैला है नेटवर्क 

सूत्रों की माने तो कथित माफिया बंधु ने अनूपपुर के कोयलांचल क्षेत्र में अपना नेटवर्क फैला रखा है, हाल ही में लोकल समाचार यूट्यूब चौनल द्वारा अपने खुलासे में विस्तार के साथ गोदाम के विजुअल दिखाए गए थे जिसमें बड़े पैमाने में नियम विरुद्ध मशीनरी और कल पुर्जों का भंडारण स्पष्ट दिखाया गया, बाद इसके भी पुलिस के कान में जू नहीं रेंगी जो या तो मैनेजमेंट की मियाद की पुष्टि करती है या फिर राजनीतिक दबाव की परिचायक साबित हो रही है। 

औंधे मुंह गिरा माफियामुक्त अभियान 

लगातार माफियाओं के बुलंद होते हौसले और पुलिस का कम होता कद कहीं ना कहीं इस बात का परिचायक साबित हो रहा है कि प्रदेश में चल रहा माफिया मुक्त अभियान अनूपपुर जिले में औंधे मुंह  गिर गया है ऐसे में विधायक से लेकर मंत्री तक प्रदेश सरकार के माफिया मुक्त अभियान के औंधे मुंह गिरने को लेकर अधिकारियों को जवाब तलब क्यों नहीं कर रहे हैं यह भी एक बड़ा सवाल है, आलम यह है कि अवैध कबाड़ के कारोबार से कमाई गई अकूत संपत्ति से बड़े-बड़े गोदाम तो ठीक जिला मुख्यालय में हवेलियां खड़ी की गई है।

इनका कहना है

जानकारी आपके माध्यम से संज्ञान में आई है मै तत्काल अनूपपुर पुलिस कप्तान को कार्यवाही हेतु निर्देशित करती हूं, वैसे आई.जी. साहब भी परसों छुट्टी से लौट आयेगें आप उनसे भी संपर्क कर लीजियेंगा।

श्रीमती सविता सुहाने

प्रभारी पुलिस महानिरीक्षक/डी.आई.जी. 

शहडोल जोन


Post a Comment

0 Comments