"बाड़ी खा रही खेत" की तर्ज पर आपराधिक गतिविधियों में तरक्की करता अनूपपुर जिला
पैसा खुदा तो नहीं पर खुद से काम भी नहीं इसी तर्ज पर बड़ी ही खाने लगे खेत की कहावत चरितार्थ करते हुए अनूपपुर के साहबान कुर्सी देशभक्ति जनसेवा और जिम्मेदारी को त्याग कर कथित कबाड़ बादशाह की गोद पर जा बैठे हैं और संरक्षण तक तो ठीक था सब कथित कारोबारी का मैनेजमेंट भी संभालने लगे हैं ऐसे में विभिन्न स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारो पर कप्तान की चुप्पी भी अब संदेहात्मक प्रतीत हो रही है बहरहाल अब अनूपपुर में माफियायुक्त अभियान कुछ इस कदर रंग ला रहा है की हमारा अनूपपुर जिला तरक्की की ओर अग्रसर है लेकिन यह तरक्की अपराध और अवैध गतिविधियों में है जी हां संभाग भर की चोरी का माल जो चोरी छुपे रायपुर और जबलपुर में खफाया जाता था अब वह धड़ल्ले से कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत नेशनल हाईवे के समीप अनूपपुर शहडोल में खपाया जाने लगा बाद उसके खरीदी पूर्ण होने के बाद माल लोड करा कर रायपुर व अन्य स्थानों पर रवाना होने लगा ।
शहडोल / अनूपपुर : अनूपपुर जिले की मीडिया गलत,शहडोल जिले की मीडिया गलत आंकड़े गलत,पूर्व में की गई कार्यवाहियां गलत ईमानदार सिर्फ कौन कबाड़ माफिया और माफिया को खुला संरक्षण देने वाले साहब... संरक्षण के परे अब यह भी चर्चा जोरों पर है कि साहब ने शहडोल और उमरिया के कबाड़ कारोबारियों से माल खरीदने के लिए 40 लाख की आर्थिक सहायता देकर पर्दे के पीछे से अपनी गोपनीय साझेदारी तय कर ली है यही कारण है की अब कार्यवाही ना हो,पेपरबाजी न हो और यदि इक्के दुक्के कार्यवाही हो भी तो सिर्फ गुर्गे पर माफिया पर नहीं उसके लिए संभव सहयोग और डैमेज कंट्रोल की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी बुजुर्ग हो चले साहब ने अपने कंधों पर उठा रखी है।
कोलमाइंस क्षेत्र है प्रमुख निशाना
कबाड़ के आड़ में बंद पड़ी कोयला खदानों और आसपास के उद्योग धंधों पर सेंड लगाने का व्यवसाय कई महीनो से अनूपपुर जिले में चल रहा है, कथित कबाड़ माफिया जानू द्वारा जगह-जगह गुर्गे और ठीहे बनाए गए हैं, जहां से चोरी का सामान काट पीट कर स्क्रैप बढ़कर अनूपपुर स्थित गोदाम में लाया जाता है और इस प्रकार काफी लंबी समय से कबाड़ की आड़ में चोरी का माल खपाने का काम जारी है जिन उल्लेखित द कि हम बात कर रहे हैं उन ठीहा संचालकों पर दर्जनों मुकदमे भी पंजीबद्ध हैं फिर भी अनूपपुर पुलिस कप्तान ने उनके ठीहो पर दबिश की जहमत नहीं उठाई जो समझ के परे है।
ये है कुछ प्रमुख ठिकाने
जिन प्रमुख ठीहों कि हम समाचार में आपसे बात करने जा रहे हैं इन ठीहा संचालकों के नाम स्थानीय थानों में दर्ज हैं किसी पर जिला बदर तो किसी पर निगरानी गुंडा बदमाश की कार्यवाही भी जारी है फिर भी इनके द्वारा जानू के संरक्षण में ओर छोटे साहब के आश्वाशन में धड़ल्ले से कारोबार का संचालन हो रहा है।
बिजुरी -
केविन दफ़ाई वार्ड क्रमांक 13
दलदल पेट्रोल पंप के पहले वार्ड क्रमांक 8
बस स्टैंड के पीछे - शंकर,आशीष और संदीप
कोतमा
शुक्ला ढाबा के सामने बबलू
बजाज सो रूम के पास ताम्रकार ब्रदर्स
भालूमाड़ा रोड तिराहा पर पप्पू ,इरशाद
बाल भारती स्कूल के पास संतोष
अनूपपुर मुख्यालय
पुराना आरटीओ के पास शिक्कू और आरिफ
बस स्टैंड के सामने गली में सन्नी
इसके अलावा अनूपपुर मुख्यालय में अन्य छोटे- बड़े ठीहे, जैतहरी में दो ठीहे , राजेन्द्राम में एक, अमरकंटक में एक ठीहे का संचालन कथित कबाड़ माफिया द्वारा कराया जा रहा है साथ ही समस्त माल खपाने के लिए कारखाना बता कर एक अवैध गोदाम भी संचालित किया जा रहा है।
अनूपपुर को में खप रहा माल
बीते चार महीना में कथित कबाड़ माफिया जानू ने अभूतपूर्व उन्नति अपने अवैध कारोबार में कर ली जिसकी वजह मुख्यालय में तैनात कथित संरक्षण दाता सब बताए जा रहे हैं बताया यह भी जाता है कि कथित साहब ने पूर्व में कप्तान द्वारा की गई कार्यवाही के दौरान आर्थिक रूप से टूटे माफिया जानू को संरक्षण देते हुए अपनी काली कमाई जानू को इन्वेस्ट करने के लिए सौंप दी और जानू ने उन्हें पैसों में से 40 लख रुपए शहडोल और उमरिया के कबाड़ माफिया को माल अनूपपुर में पलटी करने के लिए एडवांस के तौर पर दिया, अब जो माल 35 या ₹34 किलो रायपुर जबलपुर में खाता था वही चोरी का माल रुपए 32 एवं 33 प्रति किलो कथित जानू माफिया द्वारा खरीद कर अनूपपुर के विभिन्न थाना क्षेत्र से होकर रायपुर एवं अन्य महानगरों पर खपाने के लिए भेजा जा रहा है। जिसकी निगरानी व्यवस्था एवं डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी साइलेंट पार्टनर बताए जा रहे हैं साहब ने उठा रखी है। तो वही उड़ते परिंदे बताते है की कबाड़ माफिया और सहफरस्त की फाइल प्रभारी और मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जा रही जिसके बाद मामला क्या करवट लेता है यह देखने लायक होगा । खैर कुछ अन्य मामले मैनेजमेंट के आंकड़े, साझेदारी जैसे मुद्दों पर खुलासा जारी रहेगा।
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