शहडोल : एक ओर जहां अवैध प्लाटिंग पर अंकुश लगाने जिला प्रशासन के संवेदनशील अधिकारियों ने खरीदी बिक्री के पूर्व जिला प्रशासन से अनुमति अनिवार्य रखी है वहीं दूसरी और आपराधिक पृष्ठभूमि के कथित भू माफिया तिकड़ी प्रशासन को चुनौती देते हुए जमुई में अवैध प्लाटिंग को अंजाम दे रही है बताया जाता है कि रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के सहारे एक ही खसरा नंबर के 6 प्लाटों का सौदा कथित टिकरी द्वारा किया गया है जिसमें फाइनेंसर के तौर पर धनपुरी के एक भू माफिया को शामिल किया गया है तो वहीं दो अन्य सामाजिक और आर्थिक अपराध पृष्ठभूमि से संबंधित भूमाफिया अज्जू और अमित द्वारा पर्दे के पीछे रहते हुए बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग का खेल लगभग डेढ़ एकड़ में फैलाया जा रहा है। जबकि मामले में विशेष बात यह है कि जिला प्रशासन ने अपने मंसूबे पूर्णतया स्पष्ट कर दिए हैं कि अवैध पार्टी स्वीकार नहीं की जाएगी बावजूद इसके कथित तिकड़ी जिला प्रशासन को चुनौती देते हुए आसानी से एक ही प्लांट में एक दर्जन से अधिक ग्राहकों को 30 हजार रुपए प्रति प्लाट ऊपरी रकम देने पर अनुमति दिलाने का दंभ भर रही है।
अपराधिक पृष्ठभूमि के है भू माफिया
कथित भू माफिया जोड़ी अज्जू और अमित आपराधिक पृष्ठभूमि से संबंध रखते हैं बताया जाता है कि ऐन केन प्रकारेन सभी प्रकार के दाव लगाकर बड़े व्यापारियों को सामने रख एग्रीमेंट के सहारे यह अवैध प्लाटिंग का खेल खेला जाता है जबकि प्रशासनिक कायदों में यह स्पष्ट है कि एक खसरा नंबर पर 1 वर्ष में तीन ही प्लांट बिक्री किए जाएंगे लेकिन टीएनसीपी और रेरा जैसे कानून का उल्लंघन कर कथित आपराधिक पृष्ठभूमि के भूमाफिया अवैध कॉलोनी डेवलप कर रहे हैं जिससे न सिर्फ शासन को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान होता है अपितु इनके छलावे में फंसने वाले ग्राहक भी सारी उम्र पछताने को मजबूर होंगे।
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